जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को रिकॉर्डतोड़ मूसलाधार बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उधमपुर में 24 घंटे के भीतर 629.4 मिमी और जम्मू में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह आंकड़े मंगलवार सुबह 8:30 बजे से बुधवार सुबह 8:30 बजे तक के हैं।
लगातार हुई इस भारी बारिश से पूरे जम्मू क्षेत्र में तबाही मच गई। निचले इलाकों में पानी भर गया, कई सड़कें और पुल बह गए।
माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भी भूस्खलन हुआ जिसमें 32 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि डोडा जिले में वर्षाजनित अलग-अलग हादसों में चार लोगों की जान गई।
मौसम विभाग के अनुसार, इस बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इससे पहले उधमपुर में जुलाई 2019 में 342 मिमी और जम्मू में अगस्त 1973 में 272.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल लगातार राहत-बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू और सांबा जिलों में 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बारिश के कारण बिजली, पानी और इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। हालात को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में भी लगातार भारी बारिश के कारण पोंग और भाखड़ा बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया, जिससे अधिकारियों को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमपी) के अधिकारियों ने बताया कि इससे कई निचले गांवों में बाढ़ आ गई है।
पंजाब में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यह बढ़ोतरी हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण हुई है। तेज़ बारिश का पानी नीचे आने से इन नदियों के किनारे फैले खेत और कई गांव जलमग्न हो गए हैं।
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