जनजातियों को राहत: एनजीटी के आदेश से गुजरात की घुमंतू जनजाति को राहत मिल सकती है जिसकी जीविका ग्रासलैंड पर ही निर्भर है। फोटो - Ovee Thorat

गुजरात की बन्नी ग्रासलैंड पर क़ब्ज़ा हटाने के आदेश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने आदेश दिया है कि 6 महीने के भीतर गुजरात के बन्नी ग्रासलैंड से सारा क़ब्ज़ा हटाया जाये।  कोर्ट ने इस विषय पर नियुक्त की गई संयुक्त समिति से कहा कि वह महीने भर के भीतर  इस बारे में एक्शन प्लान प्रस्तुत करे। एनजीटी ने मल्धारिस नाम की एक घुमंतु जनजाति की याचिका पर वन अधिकार क़ानून, 2006 की धारा 3 के तहत फैसला सुनाया।  यह जनजाति जीविका के लिये इस ग्रासलैंड पर निर्भर है। कोर्ट ने माना कि वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच समन्वय की कमी के कारण यह क़ब्ज़ा हुआ है। 

हीराकुंड बांध: मानवाधिकार आयोग ने विस्थापितों के पुनर्वास पर ओडिशा-छत्तीसगढ़ से मांगी रिपोर्ट 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हीराकुंड बांध निर्माण से विस्थापित 26,000  परिवारों के राहत और पुनर्वास पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ से रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि बड़े स्तर पर हुये विस्थापन के बाद पुनर्वास में क्या खामियां रही यह एक विस्तृत रिपोर्ट में बताया जाये। आयोग ने अपने विशेष दूत बीबी मिश्रा से 8 हफ्ते के भीतर ज़मीनी हालात पर एक रिपोर्ट जमा करने को भी कहा है।

हीराकुंड बांध 70 साल पहले बना था और इसके सवा लाख एकड़ के डूब क्षेत्र में 360 गांव जलमग्न हो गये। इससे एक लाख लोग विस्थापित हुए। इस मामले में अपील करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी ने अपनी याचिका में कहा है कि “भ्रष्ट और आलसी नौकरशाही” के कारण पीड़ितों की तीसरी पीढ़ी आज तक इंसाफ के लिये लड़ ही रही है। 

यूके में बैंकों ने पेड़ काटने वाली फर्मों को दिये 90 करोड़ पाउण्ड 

एनजीओ ग्लोबल विटनेस द्वारा कराई गई रिसर्च में पाया गया है कि यूके के बैंकों ने दुनिया भर में सोया और पाम ऑइल जैसे उत्पादों के लिये पेड़ काटने वाली कंपनियों को 90 करोड़ पाउण्ड की फंडिंग की है।  एनजीओ ने 300 कंपनियों के साल 2020 के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसके बाद यूके के सांसद नील पारिश ने पर्यावरण कानून में संशोधन के लिये संसद में प्रस्ताव रखा। अब तक इस तरह की फंडिंग पर यूके का पर्यावरण कानून को रोक नहीं लगाता है और केवल उन्हीं कंपनियों पर लागू होता है जो उत्पादों को सप्लाई करती हैं। नया संसोधन बैंकों को बाध्य करेगा कि वह पेड़ों के कटान में लगी कंपनियों को कर्ज़ या वित्तीय मदद न दे। 

कूलिंग की लागत घटाने के लिये समुद्र के भीतर डाटा सेंटर बनायेगा चीन 

चीन के दक्षिण द्वीप प्रांत हाइनन ने समुद्र के भीतर दुनिया का पहला व्यवसायिक डाटा सेंटर बनाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि ये प्रोजेक्ट अगले पांच साल में पूरा हो जायेगा। इस प्रोजेक्ट के ज़रिये चीन निरन्तर बिजली की ज़रूरतों वाले डाटा सेंटरों पर खर्च कम करना चाहता है। इससे परम्परागत बिजली स्रोतों से सप्लाई की ज़रूरत भी घटेगी। जानकार कहते हैं कि निरंतर पानी से घिरे रहने के कारण इस प्रयोग में काफी संभावनायें हैं लेकिन कुल निवेश और उसके बाद होने वाले मुनाफे का अध्ययन करना ज़रूरी है।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.