रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रूसी कच्चे तेल पर निर्भर भारत ने हाल ही में रूसी आपूर्ति में बड़ी कटौती की है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की खबर है कि जुलाई में भारत का रूसी तेल आयात 1.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन रहा, जो जून के मुकाबले 22-27% कम है। इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल और एमआरपीएल जैसे राज्य-स्वामित्व वाले रिफाइनरों ने पिछले सप्ताह रूसी तेल नहीं खरीदा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के पीछे दो प्रमुख कारण हैं — रूस द्वारा दी जाने वाली छूट में कमी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी।
ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100% शुल्क और भारत पर 25% आयात शुल्क लागू करने की घोषणा की है। इसके साथ ही भारत पर रूसी रक्षा उपकरण और ऊर्जा खरीद के लिए भी अनिश्चित दंड लगाए गए हैं।
हालांकि हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने साफ कर दिया था कि “भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा और आवश्यकतानुसार कूटनीतिक व व्यापारिक उपाय करेगा।”
पुरी के अनुसार यदि भारत रूसी तेल का आयात बंद कर देता है तो वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बहुत बढ़ जाएंगे, क्योंकि मांग बढ़ने के साथ दूसरे आपूर्तिकर्ताओं पर बोझ बढ़ेगा।
गुरुवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘भारत रूस का सबसे बड़ा ऊर्जा खरीदार है और उसकी सेना का अधिकतर साजो-सामान भी वहीं से आता है। ऐसे समय में जब दुनिया रूस से यूक्रेन में कत्लेआम रोकने की मांग कर रही है, भारत को इसकी कीमत चुकानी होगी।’
भारत सरकार ने कहा है कि वह किसी दबाव में नहीं आएगी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
भारत अब मध्य एशिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे वैकल्पिक स्रोतों से तेल खरीद बढ़ा रहा है।
पुरी ने कहा है कि यदि रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो भी भारत दूसरे स्रोतों से अपनी जरूरत का तेल आयात कर सकता है। पुरी ने कहा कि भारत फिलहाल अर्जेंटीना से कच्चा तेल खरीद रहा है। इसके अलावा ब्राज़ील से और तेल खरीदने की बात चल रही है।
रूसी तेल ख़रीदने पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के बीच ऊर्जा ज़रूरतों पर ऐलान
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक सरकार की प्राथमिकता लोगों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना है। भारत ने यह बात नाटो प्रमुख मार्क रूट की उस धमकी के जवाब कही है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों पर रूसी निर्यात ख़रीदने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
भारत ने इस मामले में “दोहरे मानदंडों” के ख़िलाफ़ भी चेतावनी दी और कहा कि यूरोपीय देशों को लंबे समय तक रूसी ऊर्जा आयात करने से फ़ायदा हुआ है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अगर रूसी तेल आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो भारत वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था कर सकता है।
रूसी तेल आयात के मुद्दे पर पूछे जाने पर, ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त ने कहा: “आप हमसे क्या करवाना चाहेंगे? अपनी अर्थव्यवस्था बंद कर दें?”
ऑयल इंडिया विदेशी कंपनियों संग करेगी हाइड्रोकार्बन ब्लॉक्स की खोज
सरकारी कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड हाइड्रोकार्बन ब्लॉक्स की खोज के लिए वैश्विक ईएंडपी कंपनियों एक्सॉन मोबिल, टोटल एनर्जीस और पेट्रोब्रास के साथ संयुक्त बोली लगाने पर बातचीत कर रही है।
यह कवायद ओपन एवरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी-एक्स) की 10वीं नीलामी के तहत हो रही है, जिसमें सरकार 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की नीलामी करने जा रही है।
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, ऑयल इंडिया अपने पुराने और पारंपरिक तेल क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने के लिए एक तकनीकी सेवा साझेदार की भी तलाश कर रही है।
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