भारत ने अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत हिस्सा गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित समय से पांच साल पहले ही हासिल कर लिया है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में 2022 के बाद सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कोयले से बिजली उत्पादन में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट आई।
हालांकि, पिछले वर्ष उत्पादन में हुई कुल वृद्धि का दो-तिहाई हिस्सा अभी भी जीवाश्म स्रोतों से ही आया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत 2032 तक 80 गीगावाट नई कोयला-आधारित उत्पादन क्षमता जोड़ने की योजना बना रहा है ताकि बिजली की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
2022 में भारत 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य से चूक गया था, लेकिन तब से सौर और पवन ऊर्जा में तेजी आई है। 2032 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पीटीआई के अनुसार, भारत की कुल गैर-जीवाश्म क्षमता अब 242.8 गीगावाट पहुंच चुकी है, जबकि कुल उत्पादन क्षमता 484.8 गीगावाट है।
भारत ने 2024 में 341 मेगावाट-ऑवर बैटरी स्टेरेज क्षमता स्थापित की
भारत ने 2024 में 341 मेगावाट-ऑवर (MWh) बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईईएस) स्थापित की, जो 2023 की तुलना में छह गुना अधिक है। मेरकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, अब देश की कुल बैटरी स्टोरेज क्षमता 442 MWh हो गई है। इसमें से केवल 4% स्टैंड-अलोन बीईईएस है, जबकि 60% बैटरी स्टोरेज से इंटीग्रेटेड सौर ऊर्जा संयंत्रों से जुड़ी है। शेष 36% बैटरियां राउंड-द-क्लॉक कैपेबिलिटी, यानी ऐसे नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों से जुड़ी हैं जो दिन-रात बिजली देने की क्षमता रखते हैं।
ट्रंप ने दिया पवन और सौर ऊर्जा सब्सिडी खत्म करने का आदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को मिलने वाली टैक्स सब्सिडी समाप्त करने का निर्देश दिया है।
रायटर्स के अनुसार, ट्रंप ने इन्हें महंगा, अविश्वसनीय और विदेशी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर बताया। आदेश में वित्त विभाग को बजट बिल के तहत टैक्स क्रेडिट की समाप्ति लागू करने को कहा गया है, जबकि गृह विभाग से रिन्यूएबल्स को प्राथमिकता देने वाली नीतियों की समीक्षा करने को कहा गया है।
ब्लूमबर्ग ने बताया कि यह आदेश चीन जैसे विदेशी हितधारकों से जुड़े क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को प्रोत्साहन से रोकने की भी बात करता है।
वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 15% वृद्धि: इरेना
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (इरेना) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 15 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई।
बिज़नेसग्रीन की रिपोर्ट के अनुसार, यह बढ़ोत्तरी मुख्य रूप से एशिया में सौर और पवन परियोजनाओं के विस्तार में आई तेजी के कारण हुई है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा अपनाने वाले और पीछे छूट रहे क्षेत्रों के बीच अंतर बढ़ गया है।
2024 में 582 गीगावाट नई नवीकरणीय बिजली क्षमता जोड़ी गई, जो अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है।
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