दुनिया भर में पवन और सौर ऊर्जा संयंत्रों ने इस साल पहली बार कोयला बिजलीघरों से ज़्यादा बिजली बनाई है। द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, यह वैश्विक ऊर्जा व्यवस्था के लिए एक अहम मोड़ माना जा रहा है।
जलवायु थिंक टैंक ‘एम्बर’ की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली छमाही में नवीकरणीय ऊर्जा की वृद्धि ने दुनिया की बढ़ती बिजली मांग को पूरा किया, जिससे कोयला और गैस की खपत थोड़ी घटी। इस अवधि में सौर ऊर्जा उत्पादन 2024 की तुलना में लगभग एक-तिहाई बढ़ा, जो नई बिजली मांग का 83% पूरा करता है। पवन ऊर्जा में भी 7% से अधिक वृद्धि हुई। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव जलवायु लक्ष्यों के लिए बेहद अहम है।
ब्रह्मपुत्र बेसिन से 65 गीगावाट हाइड्रोपावर बिजली निकालने की योजना जारी
सरकार ने ब्रह्मपुत्र बेसिन से 65 गीगावॉट हाइड्रोपावर बिजली को देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाने की योजना जारी की है। इस काम पर करीब 6.4 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के इस ‘मास्टर प्लान’ में आने वाले वर्षों में हज़ारों किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइनें और नई बिजली ले जाने की क्षमता बनाने की बात कही गई है। फिलहाल ब्रह्मपुत्र क्षेत्र में कुछ हाइड्रोपावर परियोजनाएं चल रही हैं, जबकि अधिकतर अभी योजना या निर्माण चरण में हैं।
ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा कि हाइड्रोपावर ऊर्जा स्वच्छ, सस्ती और भरोसेमंद है, जो भविष्य में भारत की ऊर्जा ज़रूरतें पूरी करने और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
रूफटॉप सोलर योजना के लक्ष्य का केवल 13% हुआ हासिल: स्टडी
भारत ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (पीएमएसजीवाई) के तहत 4.9 गीगावाट सौर रूफटॉप क्षमता जोड़ी है, लेकिन अब तक एक करोड़ घरों के लक्ष्य का केवल 13 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। आईईईएफए की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 से जुलाई 2025 के बीच आवेदन चार गुना बढ़े फिर भी प्रगति धीमी रही।
रिपोर्ट में कहा गया कि 65,700 करोड़ रुपए की सब्सिडी में से सिर्फ 14 प्रतिशत ही जुलाई 2025 तक जारी की गई है। मौजूदा गति से 2027 तक 30 गीगावाट क्षमता हासिल करना कठिन होगा। वित्तीय सहायता की कमी और उपभोक्ता जागरूकता की कमी योजना की बड़ी बाधाएं हैं।
‘भारत 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने की राह पर’
भारत को भरोसा है कि वह 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य पूरा कर लेगा। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह बात इंटरनेशनल सोलर अलायंस की आठवीं सभा से पहले कही।
उन्होंने बताया कि भारत 2030 तक 50% बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म स्रोतों से हासिल करने का लक्ष्य पहले ही पूरा कर चुका है। वर्तमान में 162 गीगावाट परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक भारत की कुल बिजली क्षमता 484.8 गीगावाट है, जिसमें से लगभग 48% नवीकरणीय स्रोतों से है।
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