दुनिया भर में बैटरी-इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की बिक्री जून 2025 में पिछले साल की तुलना में 24 प्रतिशत बढ़कर 18 लाख तक पहुंच गई।
चीन में बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 11.1 लाख हो गई, जबकि यूरोप में 23 प्रतिशत वृद्धि के साथ करीब 3.9 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बिके।
हालांकि, अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री 1 प्रतिशत घटी। रिसर्च फर्म रो मोशन के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई बजट नीति के तहत टैक्स क्रेडिट में कटौती के कारण यह गिरावट आई है। कनाडा में भी गिरावट के चलते उत्तरी अमेरिका की बिक्री 9 प्रतिशत घटी, जिससे यह क्षेत्र पहली बार दक्षिण व मध्य अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे देशों से पीछे रह गया।
यूरोप में जर्मनी और स्पेन जैसे बाजारों में छूट और सस्ती ईवी की उपलब्धता से आगे भी बिक्री में तेजी की उम्मीद है। बीवाईडी और वोल्क्सवैगन जैसे ब्रांड इसमें अग्रणी हैं।
भारत में टेस्ला की एंट्री, मुंबई में पहला शोरूम खुला
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला ने वर्षों की चर्चा और बातचीत के बाद आखिरकार भारतीय बाजार में कदम रख दिया है। 15 जुलाई को टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित जियो वर्ल्ड ड्राइव में अपना पहला शोरूम खोला।
यह शोरूम एक्सपीरियंस सेंटर के रूप में काम करेगा, जहां ग्राहक वाहन देख और परख सकेंगे। इसके साथ ही यहां सेल्स, सर्विस और स्पेयर पार्ट्स की सुविधाएं भी मिलेंगी।
फिलहाल टेस्ला भारत में गाड़ियां बना नहीं रही है, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से आयात कर रही है। यह आयात एक अस्थायी टैक्स छूट के तहत हो रहा है, जो भारत सरकार द्वारा सीमित अवधि के लिए मंजूर किया गया है।
विनफ़ास्ट ने भारत के 27 शहरों में विस्तार के लिए किया करार
वियतनामी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता विनफ़ास्ट ने भारत में अपने विस्तार की योजना के तहत 13 ऑटो डीलरों के साथ समझौता किया है, जिससे 27 शहरों में 35 शोरूम खुल सकते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने भारत की बैटरी रीसायक्लिंग कंपनी बैटएक्स एनर्जीस के साथ भी एक अहम करार किया है।
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, बैटएक्स अब भारत में विनफ़ास्ट की बैटरियों का रीसायक्लिंग, पुनः उपयोग, मैटेरियल रिकवरी और आफ्टर-सेल्स सर्विस का काम संभालेगी।
यह समझौता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सस्टेनेबल सप्लाई चेन और पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इलेक्ट्रिक ट्रकों की बिक्री से चीन में डीज़ल की मांग घटी
चीन में इलेक्ट्रिक हेवी ट्रकों की बिक्री में 175 प्रतिशत की तेजी आई है, जिससे डीजल की मांग घट रही है। सरकारी सब्सिडी और फ़ास्ट चार्जिंग नेटवर्क के चलते यह बदलाव हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की तेल खपत अब 2024 में ही चरम पर पहुंच सकती है।
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