सर्दी का मौसम नजदीक आने के साथ प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है, जो 1 जनवरी तक प्रभावी रहेगा।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने प्रतिबंध के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। समिति ने कहा है कि यह प्रतिबंध सभी प्रकार के पटाखों पर लागू होता है, जिनमें ऑनलाइन बेचे जाने वाले पटाखे भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस को प्रतिबंध लागू करने का काम सौंपा गया है और निर्देशों के अनुसार उन्हें दैनिक कार्रवाई रिपोर्ट समिति को देना आवश्यक है।
सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 234 था, जो ख़राब की श्रेणी में आता है। इस बीच, सैटेलाइट चित्रों के अनुसार, 10 से 13 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की 100 से अधिक घटनाएं देखी गईं। आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार को पंजाब में 68, हरियाणा में 29, उत्तर प्रदेश में 25 और दिल्ली में एक घटना सामने आई।
दिल्ली-एनसीआर के लिए केंद्र के वायु प्रदूषण नियंत्रण पैनल ने सोमवार को क्षेत्र की राज्य सरकारों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के पहले चरण को लागू करने का निर्देश दिया।
वायु गुणवत्ता के आधार पर जीआरएपी के चार चरण होते हैं। पहले चरण के तहत विशेष रूप से सर्दियों में होनेवाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय किए जाते हैं। इसके केंद्र में निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करना, उचित अपशिष्ट प्रबंधन और सड़कों की नियमित सफाई आदि उपाय होते हैं।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह इन उपायों को लागू करना शुरू करें।
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