दिल्ली सरकार की आगामी ईवी पॉलिसी 2.0 में इलेक्ट्रिक वाहन एडॉप्शन के लिए कई प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाली महिलाओं को 36,000 रुपए तक सब्सिडी मिल सकती है। यह सुविधा केवल पहले 10,000 आवेदकों तक सीमित है जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस हो।
इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा और मालवाहक वाहनों को भी सब्सिडी मिलेगी। 15 अगस्त, 2025 के बाद से नए सीएनजी ऑटो पंजीकरण या नवीनीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। ड्राफ्ट नीति में यह भी सुझाव दिया गया है कि पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पर चलने वाले दो-पहिया वाहनों को 15 अगस्त, 2026 से प्रतिबंधित कर दिया जाए। इस बाबत पेट्रोल-डीज़ल और सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों की स्क्रैपिंग पर भी 10,000 रुपए तक का इंसेंटिव दिया जा सकता है यदि यह वाहन 12 साल से अधिक पुराने न हों।
कोलकाता में होगा भारत का सबसे बड़ा ईवी चार्जिंग हब
भारत का सबसे बड़ा सिंगल-साइट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग हब, एज़ऊर्जा द्वारा दक्षिण कोलकाता के ठाकुरपुकुर में विकसित किया जा रहा है। इसमें 300 चार्जर होंगे, जो चीन की 650-चार्जर सुविधा के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हब होगा। एंड्रयू यूल एंड को की दो एकड़ भूमि पर निर्मित यह 7.5 करोड़ रुपए की परियोजना अगस्त तक तैयार होने की उम्मीद है।
यह स्नैप-ई के 300 इलेक्ट्रिक कैब को सपोर्ट करेगा और इसमें फ़ास्ट और स्लो दोनों गति से चार्जिंग हो सकेगी। सौर पैनलों और बैटरी द्वारा हब को 40% बिजली मिलेगी। एज़ऊर्जा की योजना कोलकाता-आसनसोल राजमार्ग पर भी ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने और कोलकाता में एक अन्य प्रमुख हब के द्वारा ई-मोबिलिटी बढ़ाने की योजना बना रही है।
चीन में मार्च में ऑटो बिक्री में लगभग एक दशक के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर, कीमतों में कटौती का फ़ायदा
चीन के बिजनेस पेपर जिमियन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में कार की बिक्री का ग्राफ बढ़ा है। मार्च में इसमें 14% की वार्षिक वृद्धि हुई और बिक्री 2 मिलियन यूनिट हो गई। ग्राफ में बढ़ोतरी सरकार के “ट्रेड-इन कार्यक्रम” मिलने वाले लाभ के कारण जारी है। चाइना पैसेंजर कार एसोसिएशन (CPCA) के डेटा से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में कीमतों को लेकर प्रतिस्पर्धा कम हुई है। पेपर के मुताबिक मार्च की वृद्धि 2018 के बाद से “सबसे तेज़” गति से हुई बढ़ोतरी है हालांकि, कार निर्यात में एक साल पहले की तुलना में 8% की गिरावट आई है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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