फोटो: LANCE FIRMS/NASA's Earth Science Data and Information System (ESDIS) via Wikimedia Commons

ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी से फैलेगा रेडिएशन? क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका और इज़राइल के संयुक्त हमलों के बाद विकिरण (रेडिएशन) के खतरे पर उठे सवालों के जवाब में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि अब तक किसी भी स्थान पर बाहरी विकिरण स्तर में वृद्धि नहीं देखी गई है। यह जानकारी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने दी है।

ईरान के नतांज़, फोर्दो और इस्फहान परमाणु स्थलों पर रविवार को हमला हुआ। एपी की रिपोर्ट के अनुसार नतांज़ के ऊपरी हिस्से को पहले ही इज़राइल ने नष्ट कर दिया था, जबकि भूमिगत हिस्से में मौजूद अधिकांश सेंट्रीफ्यूज हालिया हमले में नष्ट हो गए, जिससे यूरेनियम संवर्धन पर असर पड़ा।

आईएईए प्रमुख राफाएल ग्रोसी के अनुसार अंदरूनी रसायनिक और विकिरण जोखिम संभव हैं, लेकिन बाहरी वातावरण सामान्य है। विशेषज्ञों ने कहा कि विकिरण का खतरा सीमित है और यह केवल बड़ी मात्रा में यूरेनियम निगलने या श्वास के ज़रिए ही नुकसानदायक हो सकता है।

पहाड़ी के नीचे स्थित फोर्दो में भी रेडिएशन का खतरा कम है। हालांकि यूरेनियम संवर्धन में उपयोग होनेवाली फ्लोरीन गैस अगर रिसती है तो खतरनाक हो सकती है।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार ईरान की परमाणु सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि प्रभावित स्थलों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है।

ईरानी सरकारी प्रसारण सेवा के हवाले से बताया गया कि जिन स्थलों पर हमला हुआ, वहां ऐसा कोई पदार्थ नहीं था जिससे विकिरण फैलता हो। ईरान के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रणाली केंद्र ने भी पुष्टि की कि “किसी प्रकार का प्रदूषण दर्ज नहीं किया गया है”।

आईएईए ने लगातार चेतावनी दी है कि विकिरण के जोखिम को देखते हुए अब परमाणु ठिकानों पर कभी भी हमले न किए जाएं।

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