इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली दो बड़ी कंपनियां बीवाईडी और टेस्ला अब भारत के बाजार में मुकाबले के लिए उतर रही हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार है। लेकिन दोनों कंपनियों को ऊंचे आयात शुल्क और स्थानीय कंपनियों जैसे महिंद्रा और टाटा मोटर्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले वर्षों में भारत का ईवी बाजार तेजी से बढ़ेगा और 2030 तक हर साल 20 से 30 लाख इलेक्ट्रिक कारें बिक सकती हैं। टेस्ला ने दिल्ली और मुंबई में शोरूम खोले हैं, वहीं बीवाईडी ने इस महीने भारत में अपनी 10,000वीं कार बेची।
उच्च बैंक गारंटी से विदेशी ईवी कंपनियों की भारत में उत्पादन की योजना अटकी
भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना चाहता है। लेकिन विदेशी ईवी कंपनियां यहां निर्माण शुरू करने में हिचक रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह है उच्च बैंक गारंटी। एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों को कम से कम 4,150 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देनी पड़ती है, जो आयात शुल्क में सरकार के नुकसान के बराबर होती है।
सरकार ने भले ही भारत में पूरी तरह बनी कारों पर आयात शुल्क में छूट दी हो, लेकिन यह योजना अब तक असरदार नहीं रही है।
भारत में टेस्ला और एसआरएएम & एमआरएएम बनाएंगे बैटरी फैक्ट्री
बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम बनाने वाली अग्रणी कंपनी टेस्ला ग्रुप ने तकनीक और सतत विकास क्षेत्र की बड़ी कंपनी एसआरएएम & एमआरएएम के साथ हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर भारत सहित 15 देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गीगाफैक्ट्री बनाएंगे। इनमें अमेरिका, मलेशिया, ओमान, ब्राज़ील, यूएई और कंबोडिया भी शामिल हैं। पीटीआई के अनुसार, कंपनियों ने पांच गीगाफैक्ट्री बनाने के लिए 1 अरब डॉलर का समझौता किया है।
यूरोप में ईवी बिक्री बढ़ी, लेकिन टेस्ला की बिक्री घटी
2025 में यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 26% बढ़ी है। लेकिन इलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई है। जर्मनी की कंपनी वोक्सवैगन अगस्त में यूरोप में सबसे ज्यादा ईवी बेचने वाली कंपनी रही, जिसकी बिक्री पिछले साल की तुलना में 45% बढ़ी। टेस्ला दूसरे स्थान पर रही, लेकिन इसकी बिक्री पिछले साल की तुलना में 23% कम हुई। तीसरे स्थान पर जर्मन कंपनी बीएमडब्ल्यू रही, जिसकी बिक्री 7% बढ़ी।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
हाई कोर्ट के आदेश के बाद लंबित ईवी सब्सिडी का भुगतान करेगी दिल्ली सरकार
-
ओपनएआई इस साल के अंत में दिल्ली में अपना पहला भारतीय कार्यालय खोलेगी
-
ब्रिटेन में 650 मिलियन पाउंड की अनुदान योजना के तहत 17 इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडलों पर छूट
-
रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से भारत में रुक सकता है ईवी निर्माण
-
ग्लोबल ईवी बिक्री जून में 24% बढ़ी, लेकिन अमेरिका में गिरावट