लंदन स्थित थिंक टैंक एंबर के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार जनवरी से जून 2025 के बीच विश्वभर में 380 गीगावाट नई सौर क्षमता जोड़ी गई, जो अब तक का वैश्विक रिकॉर्ड है। यह वृद्धि 2024 में इसी अवधि की तुलना में 64% अधिक है। पिछले वर्ष 350 गीगावाट का आकड़ा सितंबर में पार हुआ था, जबकि इस वर्ष यह उपलब्धि तीन महीने पहले ही हासिल हो गई।
सौर ऊर्जा उत्पादन दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता स्रोत बन गया है। 2024 में वैश्विक सौर उत्पादन 28% बढ़ा, जो अन्य किसी भी ऊर्जा स्रोत से अधिक था। चीन इसमें सबसे आगे रहा और उसने वैश्विक कुल का 67% अकेले जोड़ा।
भारत ने 24 गीगावॉट जोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया और पहली बार अमेरिका (21 गीगावॉट) को पीछे छोड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि नई नीतियों के लागू होने से आगे रफ़्तार धीमी हो सकती है, लेकिन 2025 की कुल वृद्धि 2024 से अधिक रहने की उम्मीद है।
रूफटॉप सोलर क्षमता में 158% की वृद्धि
भारत ने 2025 की पहली छमाही में 2.8 गीगावाट की रूफटॉप सोलर क्षमता भी जोड़ी है। यह पिछले साल के मुकाबले 158% की वृद्धि है। मेरकॉम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लंबित पंजीकरणों का निपटारा, नई प्रणालियों की कमिशनिंग और पीएम सूर्य घर पोर्टल में सुधार।
2025 की दूसरी तिमाही में गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में अग्रणी भूमिका निभाई।
अक्षय ऊर्जा घटकों पर जीएसटी में भारी कटौती
जीएसटी कॉउंसिल ने देश में स्वच्छ ऊर्जा ट्रांज़िशन को तेज करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र पर टैक्स संरचना में बदलाव किया है। डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, सोलर सेल, पवन चक्की उपकरण और बायोगैस प्लांट जैसे नवीकरणीय ऊर्जा घटकों पर टैक्स दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है, जबकि कोयला और लिग्नाइट पर दर 5% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है।
इस कदम का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक सुलभ और प्रतिस्पर्धी बनाना है, साथ ही जीवाश्म ईंधन के उपयोग को धीरे-धीरे हतोत्साहित करना है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने अपने आधिकारिक नोटिफिकेशन में कहा कि यह संशोधन चीन से सोलर मॉड्यूल आयात पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
मॉड्यूल, सेल के बाद अब सोलर वेफर के लिए भी जारी होगी एएलएमएम सूची
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने घरेलू सोलर उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 1 जून 2028 से मॉडलों और निर्माताओं की अनुमोदित सूची (एएलएमएम) में स्वदेशी सोलर वेफर का उपयोग अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है। मेरकॉम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्राफ्ट संशोधन के तहत वेफर के लिए एएलएमएम सूची (लिस्ट)-III बनाई जाएगी, जैसे कि पहले सोलर मॉड्यूल और सेल्स के लिए लिस्ट-I और लिस्ट-II बनाई गई थी।
संशोधन के अनुसार, एएलएमएम में शामिल सभी परियोजनाओं को मॉड्यूल्स लिस्ट-I से और सेल्स लिस्ट-II से लेना अनिवार्य होगा, और इन सेल्स में वेफर लिस्ट-III से ही उपयोग किए जाएंगे। वेफर के लिए एएलएमएम तभी जारी होगा जब इसमें कम से कम तीन स्वतंत्र वेफर निर्माण इकाइयां हों और कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता 15 गीगावाट तक हो।
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