कम कीमत वाली रीसाइक्लिंग प्रणाली के कारण बैटरी रीसाइक्लिंग उद्योग को जोखिम: विशेषज्ञ

विशेषज्ञों ने कहा कि बैटरी रीसाइक्लिंग उद्योग को कम कीमत वाली रीसाइक्लिंग प्रणाली के कारण जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे धोखाधड़ी करने वाले इस व्यापार में बढ़ सकते हैं और पर्यावरणीय आपदाओं का संकट खड़ा हो सकता है। विशेषज्ञों ने सर्कुलर इकोनोमी को टिकाऊ बनाने के लिए न्यूनतम सीमा बढ़ाने की सिफारिश की है। 

कुछ उद्योग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा मूल्य निर्धारण संरचना से लिथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात के लिए भारत को अनुमानित 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हो सकता है।

स्वच्छ वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भरता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जो जिसके लिए बैटरियों की टिकाऊ रीसाइक्लिंग एक प्रमुख शर्त है। इस कारण यह मुद्दा महत्वपूर्ण हो गया है। मटेरियल रीसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमआरएआई) और विशेषज्ञों ने  लिथियम रीसाइक्लिंग के लिए ईपीआर फ्लोर प्राइस को बढ़ाने का सुझाव दिया है ताकि टिकाऊ, प्रतिस्पर्धी और मानकीकृत रीसाइक्लिंग सुनिश्चित की जा सके। 

एमआरएआई ने एक बयान में कहा, “एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी (ईपीआर) में यह अनिवार्य  है कि बैटरी निर्माता सुरक्षित रीसाइक्लिंग सुनिश्चित करें, फिर भी कम ईपीआर न्यूनतम कीमतें कम मूल्य वाली या हार्ड-टू-रीसायकल बैटरियों के संग्रह और प्रबंधन में बाधा डालती हैं। बैटरी की स्थिरता और पैमाने को हासिल करने के लिए एक उच्च ईपीआर कीमत महत्वपूर्ण है।” 

ईवी एडॉप्शन बढ़ने के साथ गिरेगी यूरोप की जीडीपी, शिफ्ट होंगी नौकरियां: आईएमएफ

आईएमएफ ने ताजा वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक में कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर बढ़ने से  वैश्विक अर्थव्यवस्था पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।  आईएमएफ ने कहा कि ईवी अपनाने में तेजी आने के साथ पारंपरिक ऑटोमोटिव उद्योगों को बदलाव का सामना करना पड़ रहा है, जिससे निवेश, व्यापार, उत्पादन और रोजगार पर असर पड़ेगा। 

क्योंकि चीन ईवी उत्पादन में अग्रणी है, इसलिए यूरोप की जीडीपी संभावित रूप से गिरेगी और रोज़गार उन क्षेत्रों की तरफ स्थानांतरित होंगे जहां कम पूंजी लगे। चीन के प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने चीनी निर्मित ईवी पर टैरिफ लगाया है, जबकि फ्रांस और जर्मनी ने घटती मांग के बीच ईवी सब्सिडी कम कर दी है।

यूरोप ने बढ़ाया ईवी पर टैरिफ, चीन ने डब्ल्यूटीओ में की शिकायत

यूरोपीयन यूनियन (ईयू) ने चीन से आयातित कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर 35.3% तक अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। ईयू ने कहा है कि चीनी सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी घरेलू निर्माताओं को अनुचित लाभ देती है। यह टैरिफ दर यूरोपीय संघ में सभी ईवी आयात पर मानक 10% शुल्क के अतिरिक्त लगाई गई है।

चीन ने इस कदम की आलोचना की और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। चीनी सरकारी कंपनी एसएआईसी मोटर और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा उत्पादित ईवी पर 35.3 प्रतिशत की टैरिफ दर लागू की जाएगी। जबकि अन्य प्रमुख निर्माताओं बीवाईडी और जेली और उनकी सहायक कंपनियों को क्रमशः 17 प्रतिशत और 18.8 प्रतिशत के टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। टेस्ला ने यूरोपीय संघ के साथ अलग शर्तों पर बातचीत की, जिसके कारण  उसपर 7.8 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.