खनन का कड़वा सच: मेघालय में खान दुर्घटना में कम से कम 6 मज़दूर मर गये। पुलिस मामले की जांच कर रही है | Photo: Environmental Change and Security Programme

मेघालय: कोयला खदान में 6 मज़दूर मरे

मेघालय की पूर्वी जंतिया पहाड़ियों में एक कोयला खदान में कम से कम 6 मज़दूरों के मरने की ख़बर है। पुलिस के मुताबिक यह घटना बीते शुक्रवार को हुई और इस बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है। सभी मज़दूर असम के करीमगंज के रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि यह गैरकानूनी खदान थी जहां मज़दूर मशीन के फेल हो जाने पर खान में जा गिरे। मृतकों के शव निकाल लिये गये हैं। इससे पहले जंतिया पहाड़ियों में ही दिसंबर 2018 में 15 मज़दूर खान में फंसकर मर गये थे।    

पुलिस ने इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया है। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने राज्य के पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया है कि जिस साइट पर दुर्घटना हुई है वहां कोई ताज़ा कोयला नहीं है इसलिये इस मामले में पता किया जा रहा है कि क्या यह गैरकानूनी खनन का मामला है। वैसे पिछले साल जब अवैध खनन के आरोप लगे थे तो राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा था कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

ब्लूमबर्ग ग्रीन: सऊदी एराम्को ने इमीशन घटाकर बताये

ब्लूमबर्ग ग्रीन के मुताबिक तेल निकालने और रिफाइन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक सऊदी एराम्को ने जानबूझ कर अपने इमीशन की रिपोर्टिंग कम की। ख़बर है कि कंपनी ने निवेशकों को लुभाने के लिये अपने इमीशन 50% तक घटाकर बताये। सऊदी अरब की इस सरकारी कंपनियों ने 2019 में अपने आईपीओ से पहले मलेशिया, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों में अपनी रिफायनरियों के उत्सर्जन नहीं बताये। इसके पीछे कंपनी का तर्क था कि इन देशों में उसका कारोबार स्थानीय कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर (संयुक्त उपक्रम) के तौर पर है। कंपनी ने अपने कारोबार को डेनमार्क के बाद सबसे दूसरा साफ ऑइल ऑपरेशन बताया।

बाइडन ने विवादित तेल पाइपलाइन की मंज़ूरी निरस्त की

अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले ही दिन विवादित की-स्टोन एक्स एल तेल पाइपलाइन को मिली मंज़ूरी को रद्द कर दिया। इस पाइपलाइन उत्तर कनाडा से अमेरिकी तट तेल सप्लाई होनी थी। करीब 800 करोड़ अमेरिका डालर की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2020 में हुई लेकिन इसके इमीशन उत्सर्जन प्रभावों के कारण पर्यावरणविदों ने इसका कड़ा विरोध किया। तेल पाइपलाइन रद्द होने पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रॉडियो ने अफसोस जताया और कनाडियाई प्रान्त अलबर्टा – जिसकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक तेल और गैस पर निर्भर है – ने कहा  कि वह अदालत में इस फैसले को चुनौती देगा और मुआवज़े के लिये बाइडन प्रशासन पर मुकदमा भी कर सकता है।  बाइडन प्रशासन ने अलास्का के नेशनल वाइल्डलाइफ रिफ्यूज़ (ANWR) में भी  तेल निकालने के नये ठेके देने पर अस्थायी रोक लगा दी है। ट्रम्प प्रशासन ने पर्यावरणविदों के विरोध और बैंकों से सहयोग न मिलने के बाद भी इस प्रोजेक्ट को पास कर दिया था।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.